अंधकार से उजाले की ओर: जब अंतरात्मा खोई हुई लगे
साधक, जब मन के भीतर घने अंधकार छा जाते हैं, और आत्मा की दीपशिखा बुझती सी लगती है, तब सबसे बड़ा सहारा वही है जो हमें भीतर से जगाए और जीवन की दिशा दिखाए। तुम अकेले नहीं हो, यह अंधकार हर किसी के मन में कभी न कभी छा जाता है। भगवद गीता हमें बताती है कि इस अंधकार को दूर करने का रास्ता क्या है — एक ऐसी मानसिकता जो निराशा को आशा में बदल दे।