अंधकार में भी दीपक जलाना — भय के बीच मानसिक स्पष्टता की खोज
साधक, जीवन की राह में जब भय का तूफ़ान आता है, तब मन धुंधला हो जाता है, विचार उलझ जाते हैं। तुम्हारा यह प्रश्न — "भयभीत परिस्थितियों में मानसिक स्पष्टता कैसे बनाए रखें?" — वह प्रकाश की एक किरण है जो अंधकार को चीरने का प्रयास करती है। जान लो, तुम अकेले नहीं हो। हर महान योद्धा ने अपने भीतर के भय से जूझा है, और वही भय उन्हें सशक्त भी बनाता है। चलो, गीता के अमृत शब्दों में इस उलझन का समाधान खोजें।