फिर से जीवन से जुड़ने की राह: जब मन हो उदास और रुचि खो जाए
साधक, जब जीवन की चमक फीकी पड़ने लगे और हर रंग धुंधला सा लगे, तो यह समझना बेहद जरूरी है कि तुम अकेले नहीं हो। यह एक ऐसा दौर है, जो हर किसी के जीवन में कभी न कभी आता है। पर याद रखो, अंधकार के बाद ही प्रकाश की सबसे तेज़ किरणें जन्म लेती हैं। चलो, भगवद गीता के अमूल्य शब्दों से इस अंधकार में दीप जलाते हैं।