आँसुओं के बीच भी आशा की किरण है
साधक, जब मन टूटता है, आँसू बहते हैं, और दिल दर्द से भर जाता है, तो यह बिल्कुल स्वाभाविक है। जीवन में ऐसी घड़ियाँ आती हैं जब हम खुद को कमजोर और अकेला महसूस करते हैं। पर याद रखो, भगवद गीता हमें सिखाती है कि भावनाएँ, चाहे वे कितनी भी तीव्र क्यों न हों, हमारे भीतर छिपे सच्चे आत्मा के प्रकाश को बुझा नहीं सकतीं। तुम अकेले नहीं हो, यह समय भी गुजर जाएगा।