इच्छाओं के समंदर में एक नाव — कृष्ण के साथ संतुलन की ओर
साधक, जब मन की गहराइयों में इच्छाओं का तूफ़ान उठता है, तब ऐसा लगता है जैसे हम खुद को खो देते हैं। यह लड़ाई अकेले नहीं है, हर मानव के जीवन में होती है। पर यह भी सच है कि इच्छाओं को नियंत्रित कर हम अपने जीवन को शांति और संतुलन की ओर ले जा सकते हैं। आइए, श्रीकृष्ण की गीता की अमृत वाणी से इस राह को समझें।