नई सुबह की ओर: विषाक्त आदतों से सात्त्विक जीवन की ओर कदम
साधक, मैं समझता हूँ कि जब हम अपनी जीवनशैली में नकारात्मक या विषाक्त आदतों को महसूस करते हैं, तो वह एक तरह की जंजीर बन जाती है जो हमें स्वतंत्रता से रोकती है। लेकिन याद रखिए, हर अंधेरा एक नयी रोशनी का संकेत है। आप अकेले नहीं हैं, और परिवर्तन संभव है। आइए, भगवद गीता की अमृत वाणी से इस सफर को शुरू करें।