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Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

जीवन के अंधेरों में उजाला: नशे की वापसी और ऊब से लड़ने का मार्ग
साधक, जब मन की गहराइयों में ऊब और बेचैनी का अंधेरा छा जाता है, तब नशे की ओर लौटने का प्रलोभन भी बढ़ जाता है। यह स्वाभाविक है कि जब हम अपने अंदर खालीपन महसूस करते हैं, तब हम कुछ ऐसा चाहने लगते हैं जो उस खालीपन को भर दे। लेकिन याद रखो, असली समाधान बाहर नहीं, तुम्हारे अपने भीतर छुपा है।

फिर से उठो, फिर से चलो — अपराधबोध और शर्मिंदगी से मुक्त होने का रास्ता
प्रिय मित्र, जब हम किसी आदत या लत से जूझते हैं, तब पुनरावृत्ति के बाद जो अपराधबोध और शर्मिंदगी आती है, वह हमारे मन को और भी बोझिल कर देती है। लेकिन याद रखो, तुम अकेले नहीं हो। हर कोई इस संघर्ष से गुजरता है। आइए, गीता के शाश्वत ज्ञान से इस उलझन का समाधान खोजें।

🕉️ शाश्वत श्लोक

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥

— भगवद्गीता, अध्याय २, श्लोक ४७

पुनरावृत्ति के चक्र से निकलने का रास्ता: तुम अकेले नहीं हो
साधक, जब हम किसी आदत या पुनरावृत्ति के जाल में फंस जाते हैं, तो यह महसूस होता है जैसे हम बार-बार एक ही गलती दोहरा रहे हों। यह निराशा, असहायपन और आत्मग्लानि का समय होता है। पर याद रखो, यह संघर्ष तुम्हारे अकेलेपन का प्रमाण नहीं, बल्कि आत्मा की उस यात्रा का हिस्सा है जो पूर्णता की ओर अग्रसर है। चलो, गीता के अमृत वचन के माध्यम से इस उलझन को समझते हैं और उससे बाहर निकलने का मार्ग खोजते हैं।