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Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

आत्मसंयम की ओर पहला कदम: लालसा पर विजय
साधक, यह समझना ही आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत है कि हमारी इच्छाएँ और लालसाएँ हमारे मन की अस्थिरता का प्रतिबिंब हैं। भोजन या चीनी की तीव्र लालसा भी उसी मन की हलचल का हिस्सा है। तुम अकेले नहीं हो, यह संघर्ष हर मानव के जीवन में आता है। आइए, गीता के शाश्वत प्रकाश में इस समस्या का समाधान खोजें।

जीवन का पोषण: गीता के अनुसार शुद्ध भोजन और जीवनशैली
साधक, जीवन की राह में जब हम अपने शरीर और मन की देखभाल के बारे में सोचते हैं, तो यह समझना ज़रूरी है कि हमारा आहार और जीवनशैली हमारे समग्र स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति में कैसे योगदान देते हैं। भगवद गीता में इस विषय पर जो ज्ञान दिया गया है, वह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

🕉️ शाश्वत श्लोक

अध्याय 17, श्लोक 8-10
(गीता अध्याय 17, श्लोक 8-10)

भोजन की लत से मुक्त होने की ओर पहला कदम
साधक, जब भोजन की लत मन को बाँध लेती है, तो वह हमारे जीवन की ऊर्जा को बाधित करती है। इस लत में हम अक्सर अपने शरीर और मन के स्वाभाविक संतुलन को भूल जाते हैं। लेकिन चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो। भगवद् गीता में ऐसी अनेक शिक्षाएँ हैं जो हमें इस बंधन से मुक्त होने का मार्ग दिखाती हैं।