bondage

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

जब इच्छा बन जाती है बंधन: समझिए आदतों की गहराई
साधक,
तुम्हारा मन उस उलझन में है जहाँ एक छोटी सी इच्छा धीरे-धीरे आदत बन जाती है, और फिर वह आदत बंधन का रूप ले लेती है। यह सफर बहुत सूक्ष्म होता है, जिस पर ध्यान न दिया जाए तो वह हमारे जीवन को जकड़ लेता है। चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो। चलो इस रहस्य को भगवद् गीता की दिव्य दृष्टि से समझते हैं।

इच्छाओं के जाल में फंसे नहीं — समझने का पहला कदम
साधक, जब हम जीवन में इच्छाओं की बात करते हैं, तो वे कभी-कभी हमें प्रेरित करती हैं और कभी-कभी हमें बांध भी लेती हैं। यह समझना जरूरी है कि इच्छाएँ कब हमारे लिए सहारा बनती हैं और कब वे बंधन बन जाती हैं। आइए, भगवद्गीता की अमूल्य शिक्षाओं से इस उलझन को सुलझाएं।

जब लत बन जाती है आत्मा का बोझ
साधक,
तुम्हारा यह प्रश्न बहुत गहरा है। लत केवल एक शारीरिक या मानसिक समस्या नहीं, बल्कि आध्यात्मिक भी है। यह हमारे अंदर की ऊर्जा और चेतना को बांध लेती है, हमें असली स्व-स्वरूप से दूर कर देती है। चलो इस जटिल विषय को भगवद गीता के प्रकाश में समझते हैं।