विवाह: दो आत्माओं का पवित्र संगम
साधक,
जब हम जीवन के सबसे गहरे और सुंदर रिश्ते की बात करते हैं — विवाह — तो हमारे मन में अनेक भाव, प्रश्न और अपेक्षाएँ उमड़ती हैं। क्या विवाह केवल एक सामाजिक बंधन है? या यह आत्मा की यात्रा में एक दिव्य सहयोग है? आइए, भगवद गीता के अमृतमयी वचनों से इस पवित्र बंधन को समझें, ताकि तुम्हारे मन के संदेह दूर हों और तुम्हारा हृदय शांति से भर जाए।