साथ चलते हुए — अंतिम यात्रा में सहारा देना
साधक, जब कोई अपना जीवन के अंतिम चरण में हो, तब हमारा मन अनमनी, भयभीत और असहाय सा महसूस करता है। ऐसा समय है जब शब्द कम पड़ते हैं, और केवल स्नेह, सहानुभूति और गहरा समर्थन ही दिल को शांति दे पाते हैं। तुम अकेले नहीं हो, और तुम्हारा साथ उस व्यक्ति के लिए अनमोल है। आइए, भगवद गीता की अमृत वाणी से इस कठिन घड़ी में मार्ग खोजें।