आंतरिक शांति की ओर पहला कदम: तुम अकेले नहीं हो
साधक, जब मन अशांत हो, दुख और पीड़ा घेर लें, तब यह समझो कि यह तुम्हारा अकेला संघर्ष नहीं है। जीवन के इस महासागर में, हर कोई कभी न कभी मानसिक उथल-पुथल से गुजरता है। भगवद गीता में भगवान कृष्ण ने हमें बताया है कि कैसे हम अपने मन के तूफानों को शांत कर सकते हैं और आंतरिक संतुलन पा सकते हैं।