अंधकार में भी उजियारा: दर्दनाक निदान के बीच आध्यात्मिक शक्ति का सहारा
साधक, जब जीवन हमें ऐसे क्षणों में ले आता है जहाँ शरीर या मन में पीड़ा छा जाती है, तब हमारा सबसे बड़ा सहारा होता है हमारी आंतरिक आध्यात्मिक शक्ति। यह समझना आवश्यक है कि दर्द और निदान केवल हमारे अस्तित्व का अंत नहीं, बल्कि एक नए अध्याय की शुरुआत भी हो सकता है। तुम अकेले नहीं हो, यह यात्रा सबके लिए कठिन होती है, पर गीता की अनमोल शिक्षाएं तुम्हारे भीतर उजाला भर सकती हैं।