मन की शक्ति: शरीर की कमजोरी में भी आशा की ज्योति जलाएं
साधक, जब शरीर थक जाता है, कमजोर पड़ जाता है, तब मन भी विचलित हो सकता है। लेकिन जान लो, मन की शक्ति शरीर से कहीं अधिक गहरी और स्थायी है। शरीर की कमजोरी में भी मन को स्थिर और प्रबल बनाए रखना संभव है। आइए, भगवद गीता के प्रकाश में इस उलझन को समझें और मन को ठीक करने का मार्ग खोजें।