नफरत की जंजीरों को खोलो: कर्म का सच समझो
प्रिय शिष्य, जब हम नफरत या बदले की भावना को अपने भीतर पाले रखते हैं, तो यह केवल दूसरों को नहीं, बल्कि सबसे अधिक हमें ही बांधता है। तुम्हारा यह प्रश्न बहुत गहरा है, क्योंकि कर्म और भावनाओं का गहरा संबंध है। आइए, भगवद गीता के प्रकाश में इस उलझन को सुलझाएं।