emotional healing

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Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

तुम अकेले नहीं हो: अकेलेपन की वेदना में कृष्ण का साथ
साधक, जब दिल में अकेलापन छा जाता है, तब लगता है जैसे संसार से हमारा कोई रिश्ता नहीं रह गया। यह अनुभव तुम्हारे लिए नया नहीं है, और न ही तुम इस यात्रा में अकेले हो। कृष्ण के समर्पण में वह शक्ति है जो तुम्हारे हृदय को संजीवनी दे सकती है। आइए, गीता के प्रकाश में इस सवाल का उत्तर खोजें।

दिल की बेड़ियाँ खोलो: सच्ची भावनात्मक मुक्ति की ओर पहला कदम
साधक,
तुम्हारे मन में जो भी उलझन है, वह मानवीय है। भावनाएँ हमें बाँधती भी हैं और आज़ाद भी करती हैं। सच्ची मुक्ति तब मिलती है जब हम अपने भीतर की जंजीरों को पहचानकर उन्हें तोड़ने का साहस करते हैं। चलो, गीता के शब्दों से इस रहस्य को समझते हैं।