shift

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

नई राहों पर कदम: जब जीवन की भूमिकाएँ बदलती हैं
साधक, जब जीवन की भूमिकाएँ अचानक बदलती हैं, तो मन में असमंजस, भय और पहचान की उलझन स्वाभाविक है। तुम अकेले नहीं हो। हर परिवर्तन के पीछे एक नई सीख और एक नई शुरुआत छिपी होती है। भगवद गीता हमें इस अनिश्चितता में भी स्थिरता और आत्म-विश्वास की राह दिखाती है।

ध्यान की दिशा: स्वामित्व से उद्देश्य की ओर एक प्रेमपूर्ण यात्रा
साधक, जब मन स्वामित्व की चक्की में फंसा हो, तो ध्यान भटकता है, उलझता है। परंतु जब हम अपने ध्यान को उद्देश्य की ओर मोड़ते हैं, तब जीवन की गहराई में एक नई शांति और सरलता आती है। चलिए, इस मार्ग को भगवद गीता के प्रकाश में समझते हैं।

दिल की बेड़ियाँ खोलो: सच्ची भावनात्मक मुक्ति की ओर पहला कदम
साधक,
तुम्हारे मन में जो भी उलझन है, वह मानवीय है। भावनाएँ हमें बाँधती भी हैं और आज़ाद भी करती हैं। सच्ची मुक्ति तब मिलती है जब हम अपने भीतर की जंजीरों को पहचानकर उन्हें तोड़ने का साहस करते हैं। चलो, गीता के शब्दों से इस रहस्य को समझते हैं।