जीवन के सुनहरे संध्या: वृद्धावस्था में शांति और सुंदरता की ओर
साधक, जब जीवन के प्रभात से संध्या की ओर बढ़ते हैं, तो मन में अनेक प्रश्न उठते हैं — क्या मेरी वृद्धावस्था सुंदर होगी? क्या मैं शांति से इस जीवन को पूर्ण कर पाऊंगा? यह समय है जब हम गीता के दिव्य संदेश से अपने मन को सुकून और सौंदर्य से भर सकते हैं।