दर्द से भागने की आदतों से मुक्त होने का पहला कदम
प्रिय शिष्य, यह समझना बहुत जरूरी है कि दर्द से भागना स्वाभाविक मानवीय प्रवृत्ति है। परंतु जब हम बार-बार दर्द से बचने के लिए आदतों में फंस जाते हैं, तो वे हमारे जीवन की ऊर्जा और स्वतंत्रता को छीनने लगती हैं। आइए, भगवद गीता की अमूल्य शिक्षाओं के माध्यम से इस उलझन को सुलझाएं और अपने भीतर की शक्ति को जागृत करें।