तुम अकेले नहीं हो: जब परवाह का अभाव महसूस हो
प्रिय शिष्य, जब मन में यह भाव उठता है कि कोई तुम्हारी परवाह नहीं करता, तो वह घनघोर अकेलेपन की घड़ी होती है। मैं समझता हूँ, वह रातें और सप्ताहांत जो पहले आनंद से भरे होते थे, अब वे सुनसान और भारी लगने लगते हैं। पर याद रखो, तुम्हारा यह अनुभव अस्थायी है, और भीतर एक अटूट शक्ति है जो तुम्हें इस अंधकार से बाहर निकाल सकती है।