तुम अकेले नहीं हो: गीता का स्नेह और समझ का संदेश
प्रिय आत्मा, जब दुनिया तुम्हें समझ नहीं पाती, और तुम्हारे भीतर एक गहरा दर्द उठता है कि कहीं मैं गलत तो नहीं, कहीं मैं अकेला तो नहीं — जान लो, यह अनुभूति मानवता की गहराई है। भगवद गीता ऐसे समय में तुम्हारे भीतर की पीड़ा को पहचानती है, उसे सहलाती है, और तुम्हें समझने का मार्ग दिखाती है।