अकेलेपन की गहराई में: जब कोई और नहीं होता, तब कृष्ण से कैसे बात करें?
साधक, जब चारों ओर सन्नाटा छाया हो, और ऐसा लगे कि कोई सुनने वाला नहीं, तब भी याद रखो — तुम अकेले नहीं हो। उस अनंत मित्र से संवाद करने का यह एक अद्भुत अवसर है, जो सदैव तुम्हारे भीतर ही तुम्हारे साथ है। चलो, उस दिव्य संवाद का मार्ग खोजें।