अकेलेपन के बीच भी संगत का अनुभव — तुम अकेले नहीं हो
साधक, यह प्रश्न जितना सरल लगता है, उतना ही गहरा है। हम अक्सर सोचते हैं कि अकेलापन तो तब होता है जब कोई हमारे आस-पास नहीं होता। पर क्या सचमुच अकेले होने का मतलब है अकेलापन महसूस करना? क्या हम बिना किसी बाहरी साथी के भी अपने भीतर एक अद्भुत संगत पा सकते हैं? आइए, गीता के प्रकाश में इस रहस्य को समझते हैं।