खुद से जुड़ो, भीड़ से नहीं — पीछा छोड़ो, शांति अपनाओ
प्रिय शिष्य, यह बहुत स्वाभाविक है कि जब हम समाज के बीच होते हैं, तो कभी-कभी हम दूसरों की उपलब्धियों, वस्तुओं या जीवनशैली को देखकर अपने आप को कमतर समझने लगते हैं। यह Comparison, Jealousy और FOMO (Fear of Missing Out) की जाल में फंसने जैसा है। पर याद रखो, तुम्हारा असली सुख और शांति बाहर नहीं, तुम्हारे भीतर है। आइए, भगवद गीता की दिव्य शिक्षाओं से इस उलझन को समझें और मुक्त हों।