अपराधबोध के भार से मुक्त हो — कृष्ण का आशीर्वाद आपके साथ है
साधक, जब हम अपने अतीत की गलतियों को याद करते हैं, तो मन अक्सर अपराधबोध और आत्म-दंड के जाल में फंस जाता है। यह भाव हमें अंदर से तोड़ देता है और आगे बढ़ने से रोकता है। परंतु भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने हमें यह सिखाया है कि अपराधबोध में फंसना हमारी आत्मा के लिए कोई समाधान नहीं, बल्कि एक नया बंधन है। आइए, इस उलझन को गीता के प्रकाश में समझें और अपने मन को शांति दें।