🌿 गलतियों के बाद भी शांति की खोज में तुम अकेले नहीं हो
प्रिय मित्र, जब हम किसी को अनजाने में या गलती से ठेस पहुँचाते हैं, तब हमारे मन में पछतावा और अपराधबोध की लहरें उठती हैं। यह स्वाभाविक है, क्योंकि हमारा हृदय सच्चाई और प्रेम से भरा होता है। परंतु, यही समय है जब हमें अपने भीतर की शांति को पहचानना और पुनः स्थापित करना है। याद रखो, हर व्यक्ति से भूल होती है, और हर भूल से सीख मिलती है। तुम अकेले नहीं हो, और इस पथ पर चलना भी एक आध्यात्मिक अभ्यास है।