पीछे मुड़कर न देखें, आगे बढ़ें
साधक, जीवन की राह में हम सब कभी न कभी ऐसे निर्णय लेते हैं, जिनके बारे में बाद में हमें अफसोस होता है। यह स्वाभाविक है कि मन उन पलों को बार-बार याद करता है और शांति खो जाती है। पर याद रखो, तुम अकेले नहीं हो। हर आत्मा ने अपने अनुभवों से सीखते हुए आगे बढ़ना है। चलो इस उलझन को भगवद गीता की दिव्य दृष्टि से समझते हैं।