अतीत का बोझ नहीं, बल्कि सीख है तुम्हारा साथी
साधक, जब तुम्हारा मन अतीत के पन्नों में उलझा हो, तो याद रखो — तुम्हारा अतीत तुम्हें रोकने वाला नहीं, बल्कि तुम्हें आगे बढ़ाने वाला है। हर गलती, हर पछतावा, हर अनुभव तुम्हारे अंदर की गहराई को समझने का अवसर है। आध्यात्मिक विकास का मार्ग कभी भी साफ-सुथरा नहीं होता; वह संघर्षों, अनुभवों और स्वीकारोक्ति से होकर गुजरता है। तुम अकेले नहीं हो, और तुम्हारा अतीत तुम्हें बंदी नहीं, बल्कि मुक्तिदाता भी बन सकता है।