टूटना नहीं, जीना है यह अनुभव
साधक, जब हम मृत्यु के बाद अपने प्रियजनों के लिए रोते हैं, तो इसे कमजोरी मत समझो। यह तो जीवन की गहराई से जुड़ी एक सच्ची भावना है। तुम्हारा दुख, तुम्हारा टूटना, तुम्हारी संवेदनाएं — ये सब तुम्हारे मन और आत्मा के जीवंत होने के प्रमाण हैं। आइए, गीता के प्रकाश में इस अनुभव को समझें।