बेचैनी और चिंता के बादल: कृष्ण के साथ शांति की ओर पहला कदम
साधक,
जब मन बेचैन हो, चिंता की लहरें उठती हों और आत्मा अशांत लगे, तब यह जान लेना बहुत जरूरी है कि तुम अकेले नहीं हो। हर मानव के जीवन में ऐसे क्षण आते हैं जब विचार उथल-पुथल करते हैं, मन अस्थिर होता है। इस बेचैनी में कृष्ण का उपदेश तुम्हारे लिए एक दीपक की तरह है, जो अंधकार में मार्ग दिखाता है।