भय के सागर में एक दीपक: तुम अकेले नहीं हो
साधक, जब मन में भय और चिंता की लहरें उठती हैं, तो ऐसा लगता है जैसे जीवन का प्रकाश बुझ सा गया हो। परंतु जान लो, यह भय एक माया है — एक भ्रम, जो तुम्हारे असली स्वरूप को छुपा देता है। भगवद गीता हमें इस माया से मुक्त होने का मार्ग दिखाती है। चलो, इस गूढ़ विषय पर गीता के प्रकाश में विचार करें।