जिम्मेदारी की राह: अपराधबोध से ऊपर उठना
साधक, जब हम नेतृत्व और कार्य की दुनिया में कदम रखते हैं, तो नुकसान या असफलता का बोझ अक्सर हमारे मन को घेर लेता है। तुम्हारे मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है — कैसे मैं अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करूँ, पर अपराधबोध की जंजीरों में फंसे बिना? चलो इस उलझन को भगवद गीता के प्रकाश में समझते हैं।