अपराधबोध और जिम्मेदारी: गीता की दृष्टि से एक अंतराल पर प्रकाश
प्रिय शिष्य, जब मन में अपराधबोध की छाया घिरती है, तो वह हमें भीतर से कमजोर कर देती है। परंतु जिम्मेदारी की भावना हमें आगे बढ़ने का साहस देती है। आज हम समझेंगे कि भगवद्गीता के अनुसार ये दोनों भाव कैसे अलग और महत्वपूर्ण हैं।