war

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

मृत्यु की गहराई में जीवन का संदेश: तुम अकेले नहीं हो
प्रिय शिष्य, जीवन के अंतिम सत्य—मृत्यु और युद्ध की भयावहता—के बीच जब मन घबराता है, तो समझो कि तुम्हारा यह संघर्ष सदैव मानवता के साथ जुड़ा है। अर्जुन की तरह जब तुम्हारे भीतर भी संदेह और भय उठते हैं, तो यह जानो कि कृष्ण का संदेश न केवल युद्ध के मैदान के लिए, बल्कि जीवन के हर क्षण के लिए है। आइए, हम उस दिव्य संवाद में गोता लगाएं जो तुम्हारे मन के अनिश्चितताओं को दूर कर सके।

भय की आग में भी शांति का दीप जलाना संभव है
प्रिय शिष्य, जब जीवन के रणभूमि में भय का साया छा जाता है, तब मन डगमगाने लगता है। तुम्हारा यह भय, यह बेचैनी, बिल्कुल स्वाभाविक है। कृष्ण ने अर्जुन को भी वही अनुभूति दी, जब वे युद्धभूमि में खड़े थे। परंतु, उस भीड़-भाड़, उस भयावह परिस्थिति में भी उन्होंने अर्जुन को जो ज्ञान दिया, वह आज तुम्हारे लिए भी अमूल्य है। आइए, हम उस दिव्य संवाद में डूब कर अपने मन के भय को समझें और उसे पार करें।