मृत्यु की गहराई में जीवन का संदेश: तुम अकेले नहीं हो
प्रिय शिष्य, जीवन के अंतिम सत्य—मृत्यु और युद्ध की भयावहता—के बीच जब मन घबराता है, तो समझो कि तुम्हारा यह संघर्ष सदैव मानवता के साथ जुड़ा है। अर्जुन की तरह जब तुम्हारे भीतर भी संदेह और भय उठते हैं, तो यह जानो कि कृष्ण का संदेश न केवल युद्ध के मैदान के लिए, बल्कि जीवन के हर क्षण के लिए है। आइए, हम उस दिव्य संवाद में गोता लगाएं जो तुम्हारे मन के अनिश्चितताओं को दूर कर सके।