विनम्रता: भक्ति के मार्ग की पहली सीढ़ी
साधक, जब तुम भक्ति के पथ पर कदम रखते हो, तो तुम्हारे मन में अनेक भाव उठते होंगे — प्रेम, लगाव, कभी-कभी संदेह भी। ऐसे में विनम्रता ही वह प्रकाश है जो तुम्हारे हृदय को खोलती है और परमात्मा के निकट ले जाती है। चलो, इस दिव्य गुण की गहराई में चलें।
🕉️ शाश्वत श्लोक
अध्याय 12, श्लोक 13-14
(भगवद् गीता 12.13-14)