इच्छा से भक्ति की ओर: प्रेम की सहज यात्रा
साधक,
तुम्हारे मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है — जब इच्छाओं का संसार इतना आकर्षक और भ्रमित करने वाला हो, तो भक्ति की सरल और शुद्ध राह कैसे पकड़ी जाए? चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो। यह यात्रा हर साधक के लिए चुनौतीपूर्ण होती है, पर गीता की अमृतवाणी तुम्हारे पथप्रदर्शक बन सकती है।