अहंकार की आंधी में भी शांति बनाए रखना संभव है
साधक, जब अहंकार को चुनौती मिलती है, तो भीतर एक तूफान उठता है। यह स्वाभाविक है कि हमारा मन घबराए, क्रोध आए, और हम खुद को अस्थिर महसूस करें। परंतु याद रखो, तुम अकेले नहीं हो। यह संघर्ष हर मानव के भीतर होता है। भगवद गीता में हमें ऐसे ही क्षणों के लिए अमूल्य मार्गदर्शन मिलता है, जो हमें संतुलन और शांति की ओर ले जाता है।