अहंकार की जंजीरों से मुक्ति की ओर पहला कदम
साधक, यह समझना ही आध्यात्मिक यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा है कि अहंकार हमारे भीतर की एक ऐसी आग है जो हमें अपने और दूसरों के बीच दीवारें खड़ी करने को मजबूर करती है। तुम अकेले नहीं हो; हर मानव मन में अहंकार की लहरें उठती हैं। लेकिन भगवद गीता की दिव्य शिक्षाएँ तुम्हें उस आग को शांत करने और सच्चे स्वभाव को पहचानने का मार्ग दिखाती हैं।