रिश्तों की राह में धर्म का दीपक
साधक, जब हम रिश्तों की गहराई में उतरते हैं, तो मन में अक्सर यह प्रश्न उठता है कि क्या यह रिश्ता हमारे धर्म और जीवन के उच्चतम उद्देश्य के अनुरूप है? यह चिंता स्वाभाविक है, क्योंकि रिश्ता केवल दो व्यक्तियों का मेल नहीं, बल्कि दो आत्माओं का संगम होता है। आइए, भगवद गीता के प्रकाश में इस उलझन को सुलझाएं।