आलस्य से आज़ादी: चलो कदम बढ़ाएं
प्रिय युवा मित्र, मैं समझ सकता हूँ कि आलस्य और टालमटोल की पकड़ कितनी भारी लगती है। यह वह बोझ है जो हमारे सपनों और कर्मों के बीच दीवार बन जाता है। पर याद रखो, तुम अकेले नहीं हो; हर जीव इस संघर्ष से गुजरता है। आइए, भगवद गीता के अमृत वचनों से इस उलझन का समाधान खोजें।