आलस्य की बेड़ियाँ तोड़ो — गीता से जागो!
प्रिय शिष्य, जब मन में सुस्ती और आलस्य की छाया गहराती है, तब यह समझना जरूरी है कि यह केवल एक क्षणिक अवस्था नहीं, बल्कि आत्मा के विकास में एक बाधा है। पर चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो। हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी आलस्य आता है, लेकिन गीता हमें सिखाती है कि कैसे उससे ऊपर उठकर कर्म और जागरूकता के मार्ग पर चलना है।