मन की इच्छाओं पर विजय: चलो साथ मिलकर सम्हालें ये तूफान
साधक, मन की इच्छाएँ कभी-कभी ऐसी होती हैं जैसे अनियंत्रित समुद्र की लहरें—वे हमें बहा ले जाती हैं, हमें अस्थिर करती हैं। पर याद रखो, तुम अकेले नहीं हो। हर मानव के मन में ये इच्छाएँ होती हैं, और भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने इस मन को वश में करने का मार्ग बताया है। चलो, इस दिव्य ज्ञान की ओर कदम बढ़ाते हैं।