चलो यहाँ से शुरू करें: सोशल मीडिया के झूठे आईने से बाहर निकलना
साधक,
आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया की चमक-दमक ने हम सबके मन में एक नई उलझन पैदा कर दी है। हर कोई अपने जीवन को एक परफेक्ट तस्वीर की तरह दिखाने की कोशिश करता है, और इससे हमारे मन में तुलना, जलन और "फोमो" (FOMO - डर कि कहीं हम पीछे न रह जाएं) की भावनाएँ जन्म लेती हैं। यह पूरी तरह से समझने योग्य है कि तुम इस दबाव में फंसे हुए महसूस कर रहे हो। पर याद रखो, तुम अकेले नहीं हो; हर किसी के मन में यह संघर्ष होता है। आइए, गीता के अमृत वचन से इस उलझन का हल खोजें।