companionship

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

तुम अकेले नहीं हो: कृष्ण का साथीपन जब सब कुछ सुनसान लगे
प्रिय मित्र, जब जीवन में अलगाव का सन्नाटा छा जाता है, तब मन एकाकीपन की गहराइयों में खो जाता है। उस समय, कृष्ण का साथ हमारे लिए एक अमूल्य उपहार बन जाता है। आइए, गीता के दिव्य शब्दों के माध्यम से समझें कि कैसे कृष्ण अकेलेपन में हमारा साथी बनकर हमें अंदर से मजबूत करते हैं।

संगति का सार: दैवी संगति से जीवन में प्रकाश
साधक, जीवन में रिश्तों का बड़ा महत्व है। हम जो संगति चुनते हैं, वही हमारे मन, विचार और कर्मों को आकार देती है। जब तुम दैवी संगति की बात करते हो, तो यह केवल साथ रहने का नाम नहीं, बल्कि उस संगति का नाम है जो तुम्हें शांति, प्रेम और सच्चाई की ओर ले जाती है। चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो; भगवान कृष्ण की गीता में इस विषय पर गहरा और सजीव मार्गदर्शन है, जो तुम्हारे मन के संशयों को दूर करेगा।