sthita-prajna

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Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

स्थिर मन का रहस्य: "स्थितप्रज्ञ" की ओर पहला कदम
साधक,
जब मन अति व्याकुल और विचारों की लहरें उफान पर हों, तब "स्थितप्रज्ञ" की अनुभूति एक दूर का स्वप्न लगती है। परन्तु यह स्वप्न नहीं, बल्कि गीता का एक अनमोल वरदान है, जिसे समझ कर और अभ्यास कर के हम सब पा सकते हैं। आइए, इस रहस्य को साथ मिलकर खोलें।

स्थिर मन, अटल आत्मा: स्थितप्रज्ञता की ओर पहला कदम
प्रिय शिष्य,
तुम्हारा मन विचलित है, विचारों की लहरें उफान मार रही हैं, और आत्म-नियंत्रण की चाह में तुम थक चुके हो। जान लो, यह संघर्ष मानव जीवन का सामान्य हिस्सा है। लेकिन इसी भीतर छुपा है वह दिव्य बीज, जिसे nurturing कर हम "स्थितप्रज्ञ" बन सकते हैं — वह मनुष्य जो न तो सुख में बहकता है, न दुःख में डगमगाता है। चलो, इस आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत साथ मिलकर करते हैं।