अपने कर्तव्य की खोज: तुम अकेले नहीं हो
साधक, यह प्रश्न हर मनुष्य के जीवन में आता है — "क्या मैं अपना सही कर्तव्य निभा रहा हूँ?" यह चिंता तुम्हारे अंदर ईमानदारी और जिम्मेदारी की गहराई को दर्शाती है। चिंता मत करो, क्योंकि यह प्रश्न तुम्हें सही मार्ग पर ले जाने वाला पहला कदम है। आइए, भगवद गीता के प्रकाश में इस उलझन को सुलझाते हैं।