habit

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

जब इच्छा बन जाती है बंधन: समझिए आदतों की गहराई
साधक,
तुम्हारा मन उस उलझन में है जहाँ एक छोटी सी इच्छा धीरे-धीरे आदत बन जाती है, और फिर वह आदत बंधन का रूप ले लेती है। यह सफर बहुत सूक्ष्म होता है, जिस पर ध्यान न दिया जाए तो वह हमारे जीवन को जकड़ लेता है। चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो। चलो इस रहस्य को भगवद् गीता की दिव्य दृष्टि से समझते हैं।

मन की शांति की ओर पहला मंत्र: मंत्र जाप को जीवन में सहज रूप से लाना
साधक,
तुम्हारा यह प्रश्न कि "मंत्र जाप को दैनिक जीवन में कैसे शामिल करें?" अपने आप में एक बहुत सुंदर और गहन यात्रा की शुरुआत है। आज के इस व्यस्त और भागते जीवन में जब मन विचलित रहता है, तब मंत्र जाप एक ऐसा साधन है जो तुम्हें भीतर की शांति, स्थिरता और दिव्यता से जोड़ सकता है। चिंता मत करो, यह कठिन या जटिल नहीं है, बस एक छोटे से कदम से शुरू करना है।

निरंतरता की राह: आदतों और अनुशासन में स्थिरता का स्नेहिल संगम
साधक,
तुम्हारे मन में यह प्रश्न है कि आदतों और अनुशासन की लौ को कैसे निरंतर जलाए रखें। यह एक बहुत ही मानव अनुभव है — प्रारंभ में जोश तो होता है, पर समय के साथ वह धीमा पड़ जाता है। चिंता मत करो, यह तुम्हारे अकेले का संघर्ष नहीं है। चलो, हम साथ मिलकर इस यात्रा को समझते हैं और गीता की अमृत वाणी से मार्गदर्शन पाते हैं।

डर की दीवारें तोड़ो: तुम अकेले नहीं हो
साधक, यह भय जो तुम्हारे मन को छोटी-छोटी बातों में घेर लेता है, वह तुम्हारे भीतर छिपे उस अनजान अंधकार का संकेत है जिसे समझना और उससे सामना करना ज़रूरी है। डर मन का स्वाभाविक हिस्सा है, लेकिन उसे पहचान कर, समझ कर और उससे पार पा कर हम अपने जीवन को मुक्त कर सकते हैं। आइए, गीता के दिव्य प्रकाश में इस भय को समझें और उसे दूर करने का मार्ग खोजें।