धैर्य की मुस्कान: जब लक्ष्य दूर हो, तो भी मन शांत कैसे रखें?
साधक,
जब हमारा मन अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता है और रास्ते में देरी होती है, तो बेचैनी और चिंता स्वाभाविक है। पर याद रखो, तुम अकेले नहीं हो। हर महान यात्रा में धैर्य की परीक्षा होती है। यह समय है अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनने का और अपने मन को स्नेह से समझाने का। चलो, भगवद गीता के अमृत शब्दों से इस उलझन का समाधान खोजें।