खोने के भय से निकलने का पहला कदम: तुम्हारा दर्द समझता हूँ
जब हम अपने प्यारे लोगों को खोने का डर महसूस करते हैं, तो यह डर हमारे दिल की गहराई से उठता है। यह डर हमें अकेला, असहाय और भयभीत कर देता है। लेकिन जानो, तुम अकेले नहीं हो। यह डर मानव जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा है। आइए, भगवद गीता की अमृत वाणी से इस भय को समझें और उससे पार पाने का मार्ग खोजें।