करुणा और दृढ़ता: सच्चे नेतृत्व का संगम
साधक,
नेतृत्व का मार्ग कभी आसान नहीं होता। दया और करुणा के साथ नेतृत्व करना, बिना कमजोर हुए, एक संतुलन की कला है। यह चिंता स्वाभाविक है—क्या मैं दूसरों के प्रति संवेदनशील रहकर अपने निर्णयों में कठोरता खो दूंगा? आइए, गीता के अमृत श्लोकों से इस उलझन का समाधान खोजें।